क्यों चढ़ाते है हनुमान को सिंदुर ?
हिन्दू धर्म में सिंदूर को सुहाग का प्रतीक माना जाता है । प्रत्येक सुहागन स्त्री इसे अपनी मांग में लगाती है । सिंदूर का हिन्दू धर्म में पूजा पाठ में भी महत्तव है । कई देवी देवताओं को सिंदूर चढ़ाया जाता है । हनुमान जी को भी ऊपर से नीचे तक सिंदूर चढ़ायान जाता है, जिसका वर्णन तुलसीदास जी ने भी रामचरित मानस में इस तरह से किया है -
रामचरित मानस के अनुसार जब श्रीराम लक्ष्मण और सीता सहित अयोध्या लौट आए तो एक दिन हनुमान जी माता सीता के कक्ष में पहुंचे । उन्होंने देखा कि माता सीता लाल रंग की कोई चीज मांग में सजा रही हैं । हनुमान जी ने उत्सुक हो माता सीता से पूछा यह क्या है जो आप मांग में सजा रही हैं ? माता सीता ने कहा यह सौभाग्य का प्रतीक सिंदूर है । इसे मांग में सजाने से मुझे भगवान राम का स्नेह प्राप्त होता है और उनकी आयु लंबी होती है । यह सुन कर हनुमान जी से रहा न गया ओर उन्होंने अपने पूरे शरीर को सिंदूर से रंग लिया तथा मन ही मन विचार करने लगे इससे तो मेरे प्रभु श्रीराम की आयु ओर लम्बी हो जाएगी और वह मुझे अति स्नेह भी करेंगे । सिंदूर लगे हनुमान जी प्रभु राम की सभा में चले गए ।
भगवान राम ने जब हनुमान को इस रुप में देखा तो हैरान रह गए । भगवान राम ने हनुमान से पूरे शरीर में सिंदूर लेपन करने का कारण पूछा तो हनुमान जी ने साफ-साफ कह दिया कि इससे आप अमर हो जाएंगे और मुझे भी माता सीता की तरह आपका स्नेह मिलेगा । हनुमान जी की इस बात को सुनकर श्रीराम भाव विभोर हो गए और हनुमान जी को गले से लगा लिया । उस समय से ही हनुमान जी को सिंदूर अति प्रिय है और सिंदूर अर्पित करने वाले पर हनुमान जी प्रसन्न रहते हैं ।
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