Monday, 26 October 2015

सोमबार ब्रत की पौराणिक कथा

हिंदू मान्यताओं के अनुसार सप्ताह के सात दिनों में प्रत्येक दिन किसी ना किसी भगवान की पूजा की जाती है । सप्ताह के पहले दिन अर्थात सोमवार को भगवान शिव की पूजा की जाती है ...आइए जानते है कि क्यों करते है सोमवार को भगवान शिव की पूजा ?

पौराणिक मान्यता है कि सोमवार के दिन रखे जाने वाले व्रत को सोमेश्वर व्रत के नाम से जाना जाता है क्योंकि इसी दिन चन्द्रमा की पूजा भी की जाती है । हमारे धर्मग्रंथों में सोमेश्वर शब्द के दो अर्थ होते हैं । पहला अर्थ है – सोम यानी चन्द्रमा । चन्द्रमा को ईश्वर मानकर उनकी पूजा और व्रत करना । सोमेश्वर शब्द का दूसरा अर्थ है- वह देव, जिसे सोमदेव ने भी अपना भगवान माना है और वह देवता हैं – भगवान शिव । ऐसा माना जाता है कि सोमदेव ने भगवान शिव की आराधना की जिससे सोमदेव निरोगी हुए और उन्होंने फिर से अपने सौंदर्य को प्राप्त किया । भगवान शंकर ने भी प्रसन्न होकर दूज यानी द्वितीया तिथि के चन्द्रमा को अपनी जटाओं में मुकुट की तरह धारण किया । परंपरा के अनुसार सोमवार व्रत पर लोग भगवान शिव और पार्वती की पूजा करते आ रहे हैं क्योंकि ये चंद्र उपासना से ज्यादा भगवान शिव की उपासना के लिए प्रसिद्ध हो गया है । भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा कर सुख और कामनापूर्ति होती है ।

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