Thursday, 5 November 2015

दिवाली के दिन शुरू हुआ था महाभारत का युद्ध, 40 लाख में से सिर्फ 12 ही बचे थे जिन्दा!



भगवान कृष्ण ने निकला था युद्ध के दिन का मुहूर्त दिवाली के दिन शुरू हुआ था महाभारत का महायुद्ध, कुरुक्षेत्र की धरती पर थे द्वेष छोटी सी बहस पे एक किसान ने अपने ही भाई का वंहा किया था खून. महाभारत के युद्ध के ऐसे कुछ तथ्य जिनसे आप अब तक अनजान होंगे, पांडवो का नेतृत्व युधिष्ठर तो कौरवो का दुर्योधन कर रहा था.

युद्ध की रणनीति पांडवो की कृष्ण और कौरवो की शकुनि कर रहा था तैयार, पांडवो के पास सात अक्षयोनि सेनाये थी तो कौरवो के पास ग्यारह की संख्या में थी. पांडवो के पास 153090 रथ और उनके साथी थे तो कौरवो के पास 240570 की गिनती में थे. 153090 हाथी और हाथीसवार योद्धा थे पांडवो के पास तो कौरवो के पास 240570 हाथी और सवार थे.


पांडवो के लिए पहले दिन से अठारहवें दिन तक धृष्टद्युमय सेना पति थे जबकि कौरवो के लिए पहले से दसवे दिन भीष्म, ग्यारहवे से पंद्रहवे दिन द्रोणाचार्य और सलाह व् सत्रहवें दिन कर्ण था सेना पति आखिरी दिन शल्य थे कौरवो के सेना पति. पांडवो के पास 459270 घोड़े और घुड़सवार थे जबकि कौरवो के पास 721710 की संख्या में थे, पैदल सैनिक पांडवो के पास 765450 थे तो कौरवो के पास 1202850 की संख्या में थे.

कुल मिला के पांडव सेना 1530900 थी तो कौरव सेना 2405700 थी, पांडवो की तरफ से पांच पांडव कृष्ण सत्याकी और युयुत्सु बचे थे तो कौरवो में कृपाचार्य अश्वथामा कृतवर्मा और वृषकेतु जीवित बचे थे. ये महायुद्ध के आंकड़े विकिपीडिया से लिए गए है, हालाँकि भारत का महाग्रंथ महाभारत भी इसकी पुष्टि करता है. 

युद्ध के दसवे दिन तक भीष्म कौरवो के सेनापति थे और तब तक कौरव ही युद्ध में जीत के हक़दार थे, एक और बात जब तक भीष्म सेनापति थे उन्होंने कर्ण को युद्ध लड़ने की इजाजत नही दी थी क्योंकि वो एक सूत पुत्र था. ग्यारहवे दिन से कर्ण ने युद्ध में शिरकत की और ड्रोन सेना पति बने जिन्होंने युधिष्ठर को अगवा करने की योजना पर काम किया जो की अभिमन्यु की मौत के बाद त्यागा गया, क्योंकि अभिमन्यु को युद्ध के कायदो को तोड़के मार गया था.


युद्ध में कुछ कायदे कानून बनाये गए थे जो की युद्ध शुरू होने से पहले ही तय किये गए थे इनमे से मुख्य कुछ इस तरह थे, एक योद्धा एक समय में एक से लड़ेगा, निहत्थे पर वार नही होगा रथ से उत्तर जाने पर किसी पे हमला नही होगा. घायल और अधमरे या बेहोश की हत्या नही होगी गदा युद्ध में जंघा पर वार नही होगा और महारथी किसी महिला पे वार नही करेंगे.


अभिमन्यु पे पेंतीस योद्धाओ ने एक साथ आक्रमण किया निहत्था होने और रथ से उतरे होने पर भी उसपे हमले हुए इतना ही नही पीठ के पीछे से भी वार कर अभिमन्यु को मारा गया था. 

कौरवो ने एक बार नियम क्या तोडा पांडवो ने उसे अपना हथियार बना लिया कर्ण, द्रोणाचार्य भूरिश्रवा दुर्योधन शकुनि दुस्साशन युद्ध नियम के विपरीत ही मारे गए थे.

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