Monday, 11 January 2016

.ईश्वर पर भरोसा रखो, शांति का

ईश्वर पर भरोसा रखो, शांति का यही एकमात्र रास्ता है।एक व्यापारी था, उसने व्यापार में खूब कमाई की।बड़े-बड़े मकान बनाए, नौकर-चाकर रखे, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि उसके दिन फिर गए।व्यापार में घाटा आया और वह एक-एक पैसे के लिए मोहताज हो गया।जब उसकी परेशानी सहन से बाहर हो गई, तब वह एक साधु बाबा के पास गया और रोते हुए बोला:- "महाराज, मुझे कोई रास्ता बताइए, जिससे मुझे शांति मिले।"साधु बाबा ने पूछा:- "तुम्हारा सब कुछ चला गया?"व्यापारी ने कहा - "जी हां"साधु बाबा बोले - "तुम्हारा था तो उसे तुम्हारे पास रहना चाहिए था, वहचला कैसे गया?"साधु बाबा की बात सुनकर व्यापारी चुप हो गया।साधु बाबा ने फिर पूछा:- "जन्म के समय तुम अपने साथ कितना धन लाए थे?"व्यापारी ने कहा:- "स्वामीजी, जन्म के समय तो सब खाली हाथ आते हैं।"साधु बाबा बोले:- "ठीक है, अब यह बताओकि मरते समय अपने साथ कितना ले जानाचाहते हो?"व्यापारी बोला:- "मरते समय साथ कौन ले जाता है, जो मैं ले जाऊंगा।"साधु बाबा ने फिर कहा:- "जब तुम खाली हाथ आए थे और खाली हाथ जाओगे तो फिर चिंता किस बात की करते हो?"व्यापारी ने कहा:- "महाराज, जब तक मौत नहीं आती, तब तक मेरी और मेरे घरवालों की गुजर-बसर कैसे होगी?"साधु बाबा हंस पड़े और बोले:- "जो धन के भरोसे रहेगा, उसका यही हाल होगा।तुम्हारे हाथ-पैर तो हैं, उन्हें काम में लाओ, पुरुषार्थ सबसे बड़ा धन है, और ईश्वर पर भरोसा रखो, शांतिका यही एकमात्र रास्ता है।"साधु बाबा की बातें सुनकर व्यापारी की आंखें खुल गईं, उसका मनशांत हो गया।जाने कितने वर्षों के बाद पहली बार रात को उसे चैन की नींद आई और उसके शेष वर्ष बड़े आनंद में बीते...

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