Sunday, 22 November 2015

ज्ञान मुद्रा

ज्ञानमुद्रा :
विधि : अँगूठे को तर्जनी (इंडेक्स) अँगुली से स्पर्श करते हुए शेष तीन अँगुलियों को सीधा तान दें। इस मुद्रा के लिए कोई विशेष समय अवधि नहीं है। सिद्धासन में बैठकर, खड़े रहकर या बिस्तर पर जब भी समय मिले आप इसका अभ्यास कर सकते हैं।
लाभ : ज्ञानमुद्रा ज्ञान को बढ़ाती है। अँगुलियों के दोनों ओर की ग्रंथियाँ सक्रिय रूप से कार्य करती हैं। इससे मस्तिष्क तेज और स्मृति शक्ति बढ़ती है। यह मुद्रा एकाग्रता को बढ़ाकर अनिद्रा, हिस्टीरिया, गुस्सा और निराशा को दूर करती है। यदि इसका नियमित अभ्यास किया जाए तो सभी तरह के मानसिक विकारों तथा नशे की आदतों से मुक्ति मिल सकती है। इसके अभ्यास से मन प्रसन्न रहता है।

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